विश्व रेबीज दिवस।World Rabies Day
विश्व रेबीज दिवस 28 सितंबर 2022 रेबीज जानलेवा बीमारी है इसका बचाव पूर्ण रूप से संभव है। रेबीज कुत्ते बिल्ली बंदर आदि जैसे जानवरों के काटने या खरोचने के कारण हो सकता है। घाव को साबुन और बहते साफ पानी से तुरंत धोये व स्प्रिंट /अल्कोहल या घरेलू एंटीसेप्टिक का इस्तेमाल करें। घाव पर मिर्च सरसों का तेल इत्यादि कोई अन्य पदार्थ ना लगाएं और अंधविश्वास से बचें। एंटी रेबीज क्लीनिक में जाएं और चिकित्सक से परामर्श अनुसार टीकाकरण का कार्य पूरा करें। समय-समय पर पालतू जानवरों का टीकाकरण करवाएं। हेल्पलाइन नंबर 104
रेबीज के लक्षण (SYMPTOMS OF RABIES)
बुखार आना, सिरदर्द.
मुंह में अत्यधिक लार बनना.
व्यावहारिक ज्ञान शून्य होना, मानसिक विक्षिप्तता.
हिंसक गतिविधियां.
अति उत्तेजक स्वभाव.
अजीब तरह की आवाजें निकालना.
हाइड्रोफोबिया (पानी से डर लगना).
अपने में खोए रहना.
शरीर में झनझनाहट होना.
अंगों में शिथिलता आना.
पैरालाइज हो जा
इस बीमारी के प्रति जागरूक रहें सचेत रहें और समय पर दवाई ले। यह बीमारी प्राणघातक हो सकती है। जरा सा भी टालमटोल मत करें झाड़-फूंक के चक्कर में मत फसे। इलाज अस्पताल और उचित डॉक्टर की सलाह से लें।
Be aware of this disease, be alert and take medicines on time. This disease can be fatal. Don't procrastinate in the slightest, don't get caught up in the whirlwind. Take the treatment in the hospital and with the advice of the appropriate doctor.
24 घंटे के अंदर लगवाएं एंटी रेबीज वैक्सीन
जब कुत्ते-बिल्ली समेत अन्य जानवर इंसानों को काटते हैं तो रेबीज वायरस उनके भी शरीर में पहुंच जाता है। डॉक्टर ओझा बताते हैं कि कुत्ते की लार में लासा वायरस पाया जाता है, जिससे रेबीज की बीमारी फैलती है। उन्होंने कहा कि ऐसी स्थिति में 24 घंटों के अंदर एंटी-रेबीज वैक्सीन लगवानी चाहिए। डॉक्टर ओझा बताते हैं कि कई लोग सोचते हैं कि पातलू कुत्तों के काटने से खतरा कम होता है, लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं है। इन सभी जानवरों के काटने से यह जानलेवा बीमारी हो सकती है।
पूरी दुनिया में हर साल हजारों लोगों की रेबीज से जाती है जान
आपको जान कर आश्चर्य होगा कि पूरी दुनिया में हर साल तकरीबन 18 से 20 हजार लोगों की जान कुत्तों के काटने से होने वाली रेबीज की वजह से होती है। इनमें से 30 से 50% मौत केवल अपने देश भारत में दर्ज होती है। हालांकि रेबीज को लेकर लोगों में कई तरह की कहानियां भी हैं। कोई दवा लगाकर खुद को स्वस्थ करने की बात करता है तो कोई झाड़-फूंक कर इसका इलाज करने का दावा करता है। रेबीज की वजह से होने वाली मौतों का ग्राफ घट सके, इसलिए रेबीज डे के मौके पर लोगों को स्वास्थ्य विभाग की ओर से जागरूक किया जाता है।
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